क्या है कच्चातिवु की कहानी, इंदिरा गांधी ने श्रीलंका को सौंपा? पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
Katchatheevu Island Controversy: पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस र निशाना साधते हुए कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को देने का आरोप लगाया. जानिए क्या है कच्चातिवु और कैसे श्रीलंका के पास गया ये द्वीप.
Katchatheevu Island Controversy: पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद पहली रैली पश्चिमी यूपी के मेरठ में की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'देश जब आजाद हुआ तब तमिलनाडु में भारत के समुद्री तट से कुछ दूर (श्रीलंका और तमिलनाडु के बीच) स्थित कच्छतीवु द्वीप हमारे पास था. लेकिन कांग्रेस और I.N.D.I. अलायंस के लोगों ने मां भारती का एक अंग काट दिया और भारत से अलग कर दिया.देश कांग्रेस के रवैये की कीमत आज तक चुका रहा है.' जानिए क्या है ये कच्चातिवु द्वीप और क्या है ये विवाद.
Katchatheevu Island Controversy: रामेश्वरम 14 समुद्री मील की दूरी पर है कच्चातिवु द्वीप
कच्चातिवु द्वीप भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलडमरूमध्य (Palk Straits) 285 एकड़ में एक निर्जन स्थान पर स्थित है. ये तमिलनाडु के रामेश्वरम 14 समुद्री मील की दूरी पर है. साल 1974 में श्रीलंका की राष्ट्रपति सिरिमा आर.डी. भंडारनायके और भारत की पीएम इंदिरा गांधी के बीच समझौता हुआ था. इसके तहत कच्चातिवु को श्रीलंका क्षेत्र के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई. साल 1976 के पूरक समझौते पर साइन किये गए थे.
Katchatheevu Island Controversy: भारतीय मछुआरों को मिली थी अनुमति, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
भारत और श्रीलंका के बीच समझौते में भारतीय मछुआरों को इस द्वीप के आस-पास मछली पकड़ने, वहां अपने जाल सुखाने की अनुमति दी गई. इसके अलावा भारतीय तीर्थयात्रियों को द्वीप पर स्थित कैथोलिक तीर्थ की यात्रा करने की अनुमति दी. वहीं, इस समझौता का तमिलनाडु में काफी विरोध हुआ था. पूर्व सीएम करुणानिधि और जे.जयललिता ने भी इसका विरोध किया. 1991 और 2011 में तमिलनाडु विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित हुआ था. साल 2008 में सीएम जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया कि श्रीलंका को ये द्वीप देना असंवैधानिक है.
Katchatheevu Island Controversy: पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लगाया था आरोप
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पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक संदेश साझा किया था जिसमें कहा, ‘आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली खबर. नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने कैसे संवेदनाहीन ढंग से कच्चातिवु दे दिया था. इससे प्रत्येक भारतीय नाराज है और लोगों के दिमाग में यह बात बैठ गयी है कि हम कभी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते. भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 वर्ष से काम करने का तरीका रहा है.’
Katchatheevu Island Controversy: कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया जवाब, 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को किए स्थानांतरित
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं. शायद, चुनाव ही इसका कारण है. आपकी हताशा स्पष्ट है.आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए. 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ कच्चातिवु पर शुरू किया गया था.’
Katchatheevu Island Controversy: कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा- 'कच्चातिवु को वापस लाने के लिए क्या उठाए कदम'
कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने पोस्ट में आगे लिखा,'चुनाव से ऐन पहले आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में उच्चतम न्यायालय को बताया था कि कच्चातिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया था. आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप कच्चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा. प्रधानमंत्री जी, आपको बताना चाहिए कि क्या आपकी सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने और कच्चातिवु को वापस लेने के लिए कोई कदम उठाया?’
09:25 PM IST